हे नाथ रखना निगाहो मे अपने देना जगा तुम पनाहो मे अपने Cros. रख लो ना अपनी दुवरिया रहना है तुम्हरी नगरिया जैसे भक्तो पे अपने लुभाते प्रभु छण मे संकट से सबको बचाते प्रभु सबकी नइया किनारे लगाते प्रभु तेरी जोगनिया तेरी जोगनिया बन गई मै तेरी जोगनिया तेरी जोगनिया कट जाये तुझमे उमरिया रहना है तुम्हरी नगरिया कोई मंजिल ना मेरा ठिकाना कोई है ना जीने की मुझको बहाना कोई सब है गिराते न जाने उठाना कोई तेरी चरनिया तेरी चरनिया है मिला सब तेरी चरनिया तेरी चरनिया भोलेनाथ रखना नजरिया रहना है तुम्हरी नगरीया