राधा रानी की सबसे सुंदर भव्य महा आरती
आरती भानुदुलारी की, कि श्री बार्ने वारी की।
विराजन सिंहासन श्यामा,
दिव्य श्री वृंदावन धाम,
धुरावैं चाँवर सुघर बामा,
पलोटें पैग फुल कामा,
ललीपग अंक, चापि निष्शंक, श्याम जनुरंक,
पाइ निधि पारसी देवता की।
गौरसिर कनक मुकुट राजै,
चंद्रिका चारु सुछवि छाजै,
कुटिल कुंतल अली भल भाई,
लखत जेहि सीखि कलाप लाजै,
मांग सिन्दूर, मोतियान्पुर, सजीवन मूर,
ब्रह्म गोवर्धनधारी की।
श्रवण बिच करणफूल झलकै,
निसा बिच बेसर हलकै,
नयन बिच प्रेम - सुधा छलकै,
बंधन बल के लक्खी लक्खी ललकै,
चपलनाथ - चमकना, दसन - दुति - दमक, सुमुखी - मुख - रामक,
मुसकनि सुकुमारी की मधुरा।
मोतियन लार उर मणि मंगल,
चिबुक प्रभाति इक तिल काला,
शंभु शुक दै संगताला,
लली गुण गावति ब्रजबाला,
कबहुँ मुख मुरीनी, कहाँहुँ दिग दुरीनि, कहाँहुँ दिग दुरीनि,
कहहुँ सुधि भुरनि बिहारी की।
किनारिन जरिन नील सारी,
कंचुकी कुमकुम रंग वारी,
चुरी कर कंकण मनहारी,
छिन कटि किंकिनी छवि न्यारी,
पलाणी पगनी, मिहावरी लगनी, बिचुवनि नागनी,
'कृपालु' सुकीर्ति कुमारी की।।